यहाँ आरेख में कुछ समविभव क्षेत्र दर्शाये गये हैं :
प्रत्येक आरेख एक धनात्मक आवेश को $A$ से $B$ तक ले जाते हैं। तो, इस प्रक्रम में, $q$ को $A$ से $B$ तक ले जाने में :
सभी चारों आरेखों में समान कार्य करना पडेगा
आरेख $(a)$ में न्यूनतम कार्य करना पड़ेगा
आरेख $(b)$ में अधिकतम कार्य करना पड़ेगा
आरेख $(c)$ में अधिकतम कार्य करना पड़ेगा
निम्न चित्र में समविभव बिन्दु होंगे
एक अनन्त कुचालक चादर के एक सतह पर आवेश घनत्व $\sigma = 0.10\, \mu C/m^2$ है। यदि इसके विद्युत क्षेत्र में दो समविभवी सतहों के मध्य विभवान्तर $50\, V$ है तो इनके मध्य की दूरी होगी
व्यवस्थात्मकतः निम्नलिखित में संगत समविभव पृष्ठ का वर्णन कीजिएः
$(a)$ $Z-$दिशा में अचर विद्युत क्षेत्र
$(b)$ एक क्षेत्र जो एकसमान रूप से बढ़ता है, परंतु एक ही दिशा ( मान लीजिए $z-$ दिशा) में रहता है।
$(c)$ मूल बिंदु पर कोई एकल धनावेश, और
$(d)$ एक समतल में समान दूरी पर समांतर लंबे आवेशित तारों से बने एकसमान जाल।
समरूप विद्युत क्षेत्र किसी क्षेत्र में धनात्मक $x$-दिशा की ओर इंगित है। माना $A$ मूलबिन्दु है, $B$, $x$-अक्ष पर $x = + 1$ सेमी. पर बिन्दु है तथा $C$ $y$-अक्ष पर $y = + 1$ सेमी. पर एक बिन्दु है तो बिन्दुओं $A$, $B$ व $C$ पर विभव निम्न सम्बंध से सन्तुष्ट होंगे
एक विद्युत क्षेत्र परिमाण में $x -$ अक्ष के अनुदिश बढ़ रहा है, संगत समविभवी सतहें होंगी